उजाला भी होगा यहाँ
अँधेरा हे तो क्या गम हे
उजाला भी होगा यहाँ
हर रात बीत है
नया सवेरा लाती हैं
हार जीत में बस
फर्क हे जरा
जीत की डोर
हार के रास्ते जाती हैं
अँधेरा हे तो क्या गम हे
उजाला भी होगा यहाँ
गिले शिकवे न करो
बस दौड़ते रहो
नई राहे बनाते रहो
मंजिलो को ढूढ़ते रहो
अँधेरा हे तो क्या गम हे
उजाला भी होगा यहाँ
गीत ख़ुशी के गाते चलो
लहरों में गोते लगाते चलो
सागर में मोती तलाशते चलो
आसमानों से निगाहें मिलाते चलो