This blog is related to human nature,activities,behavior,health and their life style, entertainment and literature also. This blog also related education,increasing life style,philosophy of human.
Wednesday, December 26, 2018
Tuesday, December 18, 2018
वो ताकत कहाँ है ?
वो ताकत कहाँ है ?
वो ताकत कहाँ है ?
जो तूफानों से टकराये
आसमान की बुलँदी से
तारों को तोड़ लाये।
वो ताकत कहाँ है ?
जो वक्त से लड़ जाये
प्रतिकूल समय में
अनुकूलता लें आये।
वो ताकत कहाँ है ?
जो मुश्किलों को जीतकर
कठिन,पथरीली राहों में
डगर आसान बनायें।
वो ताकत कहाँ है ?
जो धैर्य को अपनाएँ
काँटों की राहों पे चलके
फूलों सी हँसी बिखराये।
वो ताकत कहाँ है ?
Sunday, December 16, 2018
Thursday, December 13, 2018
हमारी ये आदत हैं -कविता
हमारी ये आदत है -कविता
हमारी ये आदत है
की अपनों याद रखते हैं!
हमारी ये आदत है
की अपनी धुन में रहते हैं!
हमारी ये आदत है
की तन्हाइयों में जीतें हैं!
हमारी ये आदत है
क़ि इश्क सबसे करते हैं !
हमारी ये आदत है
कि खुशबु तलाश करते हैं !
हमारी ये आदत है
कि ख़ुशी को साथ रखते हैं!
हमारी ये आदत है
कि राहे नई बनाते हैं !
Tuesday, December 11, 2018
आज का सुख
आज का सुख
आज से बढ़कर दूसरा कुछ भी नहीं हैं।
आज ही आज का सच हैं।
आज का कर्म ही कल का फल हैं।
आज की ख़ुशी आज की ही हैं।
इसलिए आज में ही जिए।
अपने आज में जितने रंग भर सकते हो
भर लो।
आज जो तुम्हें काम मिला हैं उसे पूरी
ईमानदारी से कर लो।
तुम यदि अपना आज पूरी तल्लीनता से
बिताओगे तो तुम्हारा कल निश्चय ही अच्छा
होगा।
दोनों कल का दुःख भुला दो और
आज को अपना बना लो
खुश रहने का यहीं रहस्य हैं।
Monday, December 10, 2018
तनाव दूर करे -भाग २
तनाव दूर करे -भाग २
तनाव के अनेक कारण हैं।
कुछ तात्कालिक होते हे कुछ दीर्घकालिक।
तनाव का मुख्य कारण यह हे कि हमारे
सामने ऐसी परिस्थिति आ जाये जिसके लिए
हम मानसिक रूप से तैयार नहीं होते।
भूतकाल में घटित घटनाएँ या भविष्य में हो
सकने वाली संभावित घटनाओं के बारे में
विचार करना भी तनाव का कारण हैं।
तनाव के मुख्य कारण हैं -
पारिवारिक,सामाजिक,व्यक्तिगत,आर्थिक।
तनाव के अनेक कारण हैं।
कुछ तात्कालिक होते हे कुछ दीर्घकालिक।
तनाव का मुख्य कारण यह हे कि हमारे
सामने ऐसी परिस्थिति आ जाये जिसके लिए
हम मानसिक रूप से तैयार नहीं होते।
भूतकाल में घटित घटनाएँ या भविष्य में हो
सकने वाली संभावित घटनाओं के बारे में
विचार करना भी तनाव का कारण हैं।
तनाव के मुख्य कारण हैं -
पारिवारिक,सामाजिक,व्यक्तिगत,आर्थिक।
Sunday, December 9, 2018
Friday, December 7, 2018
लालच बुरी बला
लालच बुरी बला
एक आदमी के पास एक मुर्गी थी जो
रोज सोने का एक अंडा देती थी।
एक दिन उस आदमी ने सोचा कि क्यों
न मैं इस मुर्गी को मारकर सारे सोने के अंडे
एक ही दिन में पा लूँ। तब उसने मुर्गी को
मार दिया। जब उसने देखा कि मुर्गी के
पेट में तो एक भी अंडा नहीं हैं। अब उसके
पास हाथ मलने के अलावा कुछ बचा नहीं हैं।
शिक्षा -लालच का फल सदा बुरा ही होता हैं।
Wednesday, December 5, 2018
जीवन का हर पल -कविता
जीवन का हर पल -कविता
रोते हुए आये हैं हँसते हुए जाना हैं
जीवन का हर पल
ख़ुशी में बिताना है
तमन्नाओं के फेर में
मत उलझो जीवन भर
चाहतों को तोड़कर
रुख को मरोड़कर
अपनी अपनी राह में
बढ़ते हुए जाना हैं
जीवन का हर पल ---
गम को दोस्त बनाकर
सुख को तलाश कर
दुविधाओं को त्यागकर
आशाओं को अपनाकर
हर कदम बढ़ाना हैं
जीवन का हर पल -----
Tuesday, December 4, 2018
आम और खास -कविता
आम और खास
आम और खास में
फर्क हे जरा
आम फलों का राजा हे
तो खास आम का राजा हैं
आम आम ही रहता है
जब तक वो खास
न बन जाता हैं
आम और खास में ----
आम जब खास हो जाता है
तो अपनी पहचान भूल जाता हैं
यूँ तो आम भी हे राजा
अपनी सुगंध और मिठास का
आम के सामने सब हे फीके
वो आम ही हे जो चुनते खास को
आम और खास में -------
Monday, December 3, 2018
अनाज की बचत
अनाज की बचत
अनाज हे हर एक की जरूरत।
इसे बर्बाद होने से बचाये।
भोजन करते समय थाली में उतना ही
ले जितनी आपकी जरूरत हैं।
अन्न के एक एक दाने का सही उपयोग
करना चाहिए। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने
चावल के एक दाने के माध्यम से जग को यह
संदेश दिया हैं।
जिनके कंधो पर अनाज के भण्डारण एवं
रख रखाव की जिम्मेदारी है वे अपने कर्तव्य
का सजगता पूर्वक पालन करें।
अनाज के परिवहन ,भण्डारण के समय भी
अन्न की हानी होती हैं।
समाज के सभी वर्ग के लोगों को उनकी क्रय
शक्ति के आधार पर अन्न की उपलब्धता
सुनिश्चित करना चाहिए। कालाबजारी पर
लगाम लगानी चाहिए।
अन्न उत्पादक अर्थात किसान को विभिन्न
योजनाओ के द्वारा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
किसान को उनकी मेहनत का उचित मूल्य
मिलना चाहिए।
एक तरफ अनाज से भरे गोदाम है।
दूसरी तरफ भूख से होती हुई मौते हैं।
व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता हैं।
Saturday, December 1, 2018
कागजात
एक तरफ हम जहाँ कम्प्यूटर युग में रह रहे है
और कागजात कम करते जा रहे हे. वही कागज
(राशन कार्ड ) के अभाव में किसी को राशन नहीं
दिया जाता और भूख से उसकी मौत हो जाती है।
हमारा जीवन रिश्तों की डोर में तो बँधा होता ही है
साथ ही कागजो की डोर में भी हम जीवन भर उलझे
रहते हैं।
यदि आपके पास आवश्यक कागजात नहीं है तो फिर
आप के बहुत सारे काम अटक जायेंगे या फिर सरकार
की बहुत सारी योजनाओं में से शायद किसी भी योजना
का लाभ न ले सके।
जैसे जैसे मनुष्य सभ्य होता गया वो कागज के अधिक
समीप होता गया.इतना अधिक कि बिना कागज के
किसी व्यक्ति के जीवित होने तक का अस्तित्व नहीं होता।
मानव समाज को चलाने के लिए कागज आवश्यक
अवश्य है पर इनकी अनिवार्यता पर प्रश्न चिन्ह हैं।
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