Wednesday, December 26, 2018

हे ईश्वर ! तुझे नमन



oh god!




हे ईश्वर ! तुझे नमन 
मेरा सब कुछ तुझे अर्पण 

अपने पराये का भेद भूलकर 
मानवता को साथ लेकर 
तूने जो राह दिखाई 
उसपर चलू मैं जीवन भर 

हे ईश्वर ! तुझे नमन 

दुःख संताप हृदय से त्यागकर 
प्रभु प्रेम की ज्योत जलाकर 
तेरे नाम का सहारा लेकर 
बढ़ता चलू  मैं जीवन भर 

हे ईश्वर ! तुझे नमन 




Tuesday, December 18, 2018

वो ताकत कहाँ है ?


वो ताकत कहाँ है ?

where is energy?









वो ताकत कहाँ है ?
जो तूफानों से टकराये 
आसमान की बुलँदी से 
तारों को तोड़ लाये। 

      वो ताकत कहाँ है ?
      जो वक्त से लड़ जाये 
      प्रतिकूल समय में 
     अनुकूलता लें आये। 

            
          वो ताकत कहाँ है ?
          जो मुश्किलों को जीतकर 
          कठिन,पथरीली राहों में 
          डगर आसान बनायें। 

              वो ताकत कहाँ है ?
              जो धैर्य को अपनाएँ 
              काँटों की राहों पे चलके 
              फूलों सी हँसी बिखराये। 

                वो ताकत कहाँ है ?
      










Sunday, December 16, 2018

नई कविता

   


new poem




नई कविता 

नई कविता है 
नई सरिता है 
नई खुशियाँ है 
नई बतिया है 
नया  जमाना 
नया तराना 
गीत नया और 
चाल नई हैं 
चंचल चितवन 
गुंजित मधुवन 
आलोकित मन 
अभिलम्बित हैं 
नई कविता है 

Thursday, December 13, 2018

हमारी ये आदत हैं -कविता

poem


हमारी ये आदत है  -कविता 


हमारी ये आदत है  
की अपनों याद  रखते हैं! 
हमारी ये आदत है  
की अपनी धुन में रहते हैं! 
हमारी ये आदत है  
की तन्हाइयों में जीतें हैं! 
हमारी ये आदत है  
क़ि इश्क सबसे करते हैं !
हमारी ये आदत है  
कि खुशबु तलाश करते हैं !
हमारी ये आदत है 
कि ख़ुशी को साथ रखते हैं!
हमारी ये आदत है  
कि राहे नई बनाते हैं !

Tuesday, December 11, 2018

आज का सुख

Enjoy Today


आज का सुख 

आज से बढ़कर दूसरा कुछ भी नहीं हैं। 
आज ही आज का सच हैं। 
आज का कर्म ही कल का फल हैं। 
आज की ख़ुशी आज की ही हैं। 
इसलिए आज में  ही जिए। 
अपने आज में जितने रंग भर सकते हो 
भर लो। 
आज जो तुम्हें काम मिला हैं उसे पूरी 
ईमानदारी  से कर लो। 
तुम यदि अपना आज पूरी तल्लीनता से 
बिताओगे तो तुम्हारा कल निश्चय ही अच्छा 
होगा। 
दोनों कल का दुःख भुला दो और 
आज को अपना बना लो 
खुश रहने का यहीं रहस्य हैं। 

Monday, December 10, 2018

तनाव दूर करे -भाग २

तनाव दूर करे -भाग २ 







तनाव के  अनेक कारण हैं। 
कुछ तात्कालिक होते हे कुछ दीर्घकालिक। 
तनाव का मुख्य कारण यह हे कि हमारे 
सामने ऐसी परिस्थिति आ जाये जिसके लिए 
हम मानसिक रूप से तैयार नहीं होते। 
भूतकाल में घटित घटनाएँ या भविष्य में हो 
सकने वाली संभावित घटनाओं के बारे में 
विचार करना भी तनाव का कारण हैं। 
तनाव के मुख्य कारण हैं -
पारिवारिक,सामाजिक,व्यक्तिगत,आर्थिक।  

Sunday, December 9, 2018

मौन-कविता

silent poem



                               मौन-कविता----

             मौन हे खड़े भरे 
                 हरे भरे वृक्ष हैं 
                 टहनी पत्ते मौन हे 
                    हवा चले तो कुछ हिले 

                मौन हे और भी 
                नदी,पहाड़ और वन 
                मौन हे फैला हुआ 
                अजब सा हे लग रहा 
                मौन हे खड़े भरे ----

                मौन की वाणी हे 
                 ओज से भरी 
                  मौन में समायी हे 
                  बातें  कई बड़ी बड़ी 

                    मौन हे खड़े भरे ----
                
              

          

Friday, December 7, 2018

लालच बुरी बला




              लालच बुरी बला 



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        बचपन में एक कहानी सुनी थी। 
        एक आदमी के पास एक मुर्गी थी जो 
        रोज सोने का एक अंडा देती थी। 
        एक दिन उस आदमी ने सोचा कि क्यों 
        न मैं इस मुर्गी को मारकर सारे सोने के अंडे 
        एक ही दिन में पा लूँ। तब उसने मुर्गी को 
        मार  दिया। जब उसने देखा कि मुर्गी के 
        पेट में तो एक भी अंडा नहीं हैं। अब उसके 
        पास हाथ मलने के अलावा कुछ बचा नहीं हैं। 

           शिक्षा -लालच का फल सदा बुरा ही होता हैं।

       

Wednesday, December 5, 2018

जीवन का हर पल -कविता

He Happy Poem




              
  जीवन का हर पल -कविता



               रोते हुए  आये हैं                                                                                   हँसते हुए जाना हैं 
                   जीवन का हर पल 
                   ख़ुशी में बिताना है 


                   तमन्नाओं के फेर में 
                     मत उलझो जीवन भर 
                         चाहतों को तोड़कर 
                           रुख को मरोड़कर 
                            अपनी अपनी राह में 
                              बढ़ते हुए जाना हैं 

                   जीवन का हर पल ---

                       गम को दोस्त बनाकर 
                        सुख को तलाश कर 
                          दुविधाओं को त्यागकर 
                          आशाओं को अपनाकर 
                           हर कदम बढ़ाना हैं 

                 जीवन का हर पल -----


         
        

   


Tuesday, December 4, 2018

आम और खास -कविता

aam and khas poem





                                आम और खास 


             आम और खास में 
              फर्क हे जरा 
              आम फलों का राजा हे 
             तो खास आम का राजा हैं 
              आम आम ही रहता है 
               जब तक वो खास 
             न बन  जाता हैं 
          आम और खास में ----

            आम जब खास हो जाता है 
            तो अपनी पहचान भूल जाता हैं 
            यूँ तो आम भी हे राजा 
           अपनी सुगंध और मिठास का 
           आम के सामने सब हे फीके 
          वो आम ही हे जो चुनते खास को 
           आम और खास में -------


Monday, December 3, 2018

अनाज की बचत

                    अनाज की बचत 







अनाज हे हर एक की जरूरत। 
इसे बर्बाद होने से बचाये। 
भोजन करते समय थाली में उतना ही 
ले जितनी आपकी जरूरत हैं। 
अन्न के एक एक दाने का सही उपयोग 
करना चाहिए। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने 
चावल के एक दाने के माध्यम से जग को यह 
संदेश दिया हैं। 
जिनके कंधो पर अनाज के भण्डारण एवं 
रख रखाव की जिम्मेदारी है वे अपने कर्तव्य 
का सजगता पूर्वक पालन करें। 
अनाज के परिवहन ,भण्डारण के समय भी 
अन्न की हानी होती हैं। 
समाज के सभी वर्ग के लोगों  को उनकी क्रय 
शक्ति के आधार पर अन्न की उपलब्धता 
सुनिश्चित करना चाहिए। कालाबजारी पर 
लगाम लगानी चाहिए। 
अन्न उत्पादक अर्थात किसान को विभिन्न 
योजनाओ के द्वारा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। 
किसान को उनकी मेहनत का उचित मूल्य 
मिलना चाहिए। 

एक तरफ अनाज से भरे गोदाम है। 
दूसरी तरफ भूख से होती हुई मौते हैं। 
व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता हैं। 

Saturday, December 1, 2018

कागजात






     एक तरफ हम जहाँ कम्प्यूटर युग में रह रहे है 
    और कागजात कम करते जा रहे हे. वही  कागज 
   (राशन कार्ड ) के अभाव में किसी को राशन नहीं 
   दिया जाता और भूख से उसकी मौत हो जाती है। 

     हमारा जीवन रिश्तों की डोर में तो बँधा होता ही है 
   साथ ही कागजो की डोर में भी हम जीवन भर उलझे 
   रहते हैं। 
   यदि आपके पास आवश्यक कागजात नहीं है तो फिर 
   आप के बहुत सारे काम अटक जायेंगे या फिर सरकार 
  की बहुत सारी योजनाओं में से शायद किसी भी योजना 
  का लाभ न ले सके। 
   जैसे जैसे मनुष्य सभ्य होता गया वो कागज के अधिक 
  समीप होता गया.इतना अधिक कि बिना कागज के 
  किसी व्यक्ति के जीवित होने तक का अस्तित्व नहीं होता।
    मानव समाज को चलाने के लिए कागज आवश्यक 
   अवश्य है पर इनकी अनिवार्यता पर प्रश्न चिन्ह हैं।