जीवन का हर पल -कविता
रोते हुए आये हैं हँसते हुए जाना हैं
जीवन का हर पल
ख़ुशी में बिताना है
तमन्नाओं के फेर में
मत उलझो जीवन भर
चाहतों को तोड़कर
रुख को मरोड़कर
अपनी अपनी राह में
बढ़ते हुए जाना हैं
जीवन का हर पल ---
गम को दोस्त बनाकर
सुख को तलाश कर
दुविधाओं को त्यागकर
आशाओं को अपनाकर
हर कदम बढ़ाना हैं
जीवन का हर पल -----
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