हे ईश्वर !
जगत तूने हे बनाया
नदी,पहाड़,वन और सागर
सब रचे है तुने
कितनी सुन्दर है
तेरी यह रचना
चाँद सितारे
धरती और सूरज
हवा पानी आकाश अग्नि
मिलकर जीवन सब बनाये
हे ईश्वर !
जगत तूने हे बनाया
नदी,पहाड़,वन और सागर सब रचे है तुने
हम मानव तेरी अद्भुत रचना
अपना सब कुछ दे इसे बनाया
दी सोच विकास की आजादी
और सुदूर ज्ञान विज्ञान की
दिए सुख के सागर अनुपम
हम सब करें तुझे बारम्बार नमन !
हे ईश्वर !
जगत तूने हे बनाया
नदी,पहाड़,वन और सागर सब रचे है तुने