अपने सपनों को अवसर अवश्य देना चाहिए।
दुविधा,असमंजस समय एवं मस्तिष्क को ख़राब
करती हैं।
अपनी सेहत से बढ़कर दुनियाँ में कुछ भी नहीं हैं।
धन के बिना इस संसार में जीना संभव नहीं हैं।
आवश्कताएँ दुर्बल को भी साहसी बना देती हैं।
पेट की आग विचार नहीं करती इसलिए सबसे
पहले पेट की आग शांत हो ऐसा उधम करो।
तुम संसार के सबसे उपयोगी मनुष्य हो।
No comments:
Post a Comment