Monday, April 5, 2021

कोरोना कविता

 कोरोना ही कोरोना हे

  हर तरफ  बस कोरोना है

  सुबह से लेकर शाम तक

  कोरोना ही कोरोंना है

  कोरोना के काल में

  जीवन हुआ विकराल है

  रोजी रोटी के संघर्ष में

  हथैली पर जान है ।

   

   

  


आशा

आशा ही जीवन का सौंदर्य है। आशा सब सुखो की  जननी है। आशा का संसार निराला है। जीवन जीना जब कठिन हो जाये। समस्याएं जब हद से ज़्यादा  बढ़ जाये। तब आशा का दीप जलाकर,मन मे ईस्वर के ऊपर विश्ववास रखकर  अपना कर्म करते जाना ही जीवन को सही दिशा में ले जाना है।
आशावान सदा ऊर्जावान रहता है।