एक तरफ हम जहाँ कम्प्यूटर युग में रह रहे है
और कागजात कम करते जा रहे हे. वही कागज
(राशन कार्ड ) के अभाव में किसी को राशन नहीं
दिया जाता और भूख से उसकी मौत हो जाती है।
हमारा जीवन रिश्तों की डोर में तो बँधा होता ही है
साथ ही कागजो की डोर में भी हम जीवन भर उलझे
रहते हैं।
यदि आपके पास आवश्यक कागजात नहीं है तो फिर
आप के बहुत सारे काम अटक जायेंगे या फिर सरकार
की बहुत सारी योजनाओं में से शायद किसी भी योजना
का लाभ न ले सके।
जैसे जैसे मनुष्य सभ्य होता गया वो कागज के अधिक
समीप होता गया.इतना अधिक कि बिना कागज के
किसी व्यक्ति के जीवित होने तक का अस्तित्व नहीं होता।
मानव समाज को चलाने के लिए कागज आवश्यक
अवश्य है पर इनकी अनिवार्यता पर प्रश्न चिन्ह हैं।
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