Wednesday, September 5, 2018

आस तब भी मन में हों

          



       कविता 
   
    पास जब कुछ न हो 
    आस तब भी मन में हो 
    आँधियाँ चाहे कितनी चले 
    आशाओं का दीप कभी न बुझै 
    
      तूफान,बंवडर 

      ये सब डराने आते हे हमें 

      परीक्षा में जब 

      पास हो जाते हम 

      मुस्कराकर ये सब लौट जाते है 


       ना उम्मीदी  कभी 

       दिल में  न रखना 

        विश्वास  की पतवार 

        चलाते रहना 

        किनारा! खुद तुम्हारा 

        पता पूछता चला आयेगा। 

    




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