आज कल से बेहतर हो
ऐसा करे नित प्रयास
झूमें ये मन उठे तरंग
पूरी करो हर आस
नवलय नवपथ
आलोकित हो
ह्रदय सुमनों से
सुशोभित हो
हर पल बहे बयार !
आज कल से बेहतर हो
कल का रोना क्यों ?
आज तो अपना हैं
कल जो खोया हे
आज नया पाना है
नूतन किरणें हे
नया जमाना हैं
आज कल से बेहतर हो।
सुख की बातें
अब किताबी नहीं
दुःख की यादें
अब सताती नहीं
आओ आज नई
शुरुआत करें
ज्ञान विज्ञान की
बात करें
आज कल से बेहतर हो।
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