Saturday, September 1, 2018

की ओर चलो !

new vision


     


किनारों की ओर  कविता 




अँधेरे से  उजाले की ओर 


चलो !


अज्ञान से   ज्ञान   की ओर 


चलो !


जीवन   जहाँ    बने सुखद 


उस     मार्ग   की      ओर 


चलो !


निराशाओं  के भॅवर से निकल 


आशाओं के किनारों की ओर 


चलो !


कभी   न   थके   ये   जिंदगी 


आरजूओं   की    ओर     ले 


चलो !



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