दीपावली
कविता
दीपावली की रात हैं
जगमग जगमग
रौशनी का पर्व हे
रोशन हर दिल हे
पूजा की थाल अनार
और गुलाब जामुन
फूल लाई बताशे
फटाको की आवाज हैं
दीपक जल रहे हे
चमचम चमक रहे हे
रंगोली झूमर आम
केले के पत्तो से
घर आंगन सजे हैं
फुलझड़ी अनार चकरी
बच्चे चला रहे हे
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