मनोरंजन --- मनोरंजन एक वैकल्पिक विषय नहीं है बल्कि यह
हर एक की जरूरत हैं।
मनोरंजन केवल घर में बैठकर टेलीविजन कार्यकम
देखना या फिर इंटरनेट पर समय बिताना भर नहीं हैं।
मनोरंजन तब से है जब से यह जीवन हैं।
अर्थात जहाँ जीवन हे वहाँ मनोरंजन भी अवश्य हैं।
इसकी आवश्यकता न केवल इंसानो को है जगत के
सभी प्राणियों को हैं।
जिस तरह भोजन से हमें शारीरिक बल मिलता हे
उसी तरह मनोरंजन से हमें मानसिक बल मिलता हैं।
सुखी जीवन का आधार हे यह मनोरंजन।
मनोरंजन के अनगिनत साधन हैं। कुछ हमें मुफ्त में
मिल जाते हे तो कुछ पर हम धन खर्च करते हैं।
मनोरंजन का मजा सामूहिक भी लिया जा सकता हे
या व्यक्तिगत भी।
अपनी पसंद के साधनों को चुने और स्वस्थ रहें।
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